Tuesday, August 9, 2022

खजांची रामकली बाई स्कूल में शिक्षा,स्वास्थ्य, एवं पर्यावरण पर चर्चा


खजांची रामकली बाई स्कूल में शिक्षा,स्वास्थ्य, एवं पर्यावरण पर चर्चा

गत दिवस स्कूल विद्यार्थियों की बिगड़ती परिवहन व्यवस्था को लेकर खजांची रामकली बाई स्कूल के प्राचार्य श्री एच एस छाबड़ा जी से चर्चा की गई जिसमें उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके स्कूल में लगभग  1100 विद्यार्थी अंग्रेजी माध्यम में 11 से 5 बजे तक अध्ययन कर रहे है लगभग 150  विद्यार्थी बस के माध्यम से 8 किलोमीटर के दायरे से आते हैं उन्होंने बताया कि वह इस बात का खास ध्यान रखते हैं कि उनके पास आने वाले विद्यार्थी अधिक दूरी से ना आएं क्योंकि आवागमन में काफी समय बर्बाद हो जाता है जिससे विद्यार्थी अपना अधिकतम समय विद्यार्जन में नहीं दे पाते स्कूल में अग्नि सुरक्षा के लिए विद्युत मीटर स्कूल से 100 मीटर दूर लगवाया गया है  एवं प्रत्येक फ्लोर पर उच्च गुणवत्ता वाले 12 अग्निशामक यंत्र की  व्यवस्था  है स्कूल की तीनों प्रयोगशाला में अग्निशामक  यंत्र रखे गए हैं वर्तमान समय में स्कूल में  16 कैमरे लगे हुए हैं एवं वर्तमान सत्र में 16 अन्य कैमरा के लगाने का प्रावधान किया जा रहा है वर्तमान में दो सुरक्षा गार्ड स्कूल प्रबंधन द्वारा रखे गए हैं , वर्तमान में देखा गया है कि कुछ निजी स्कूलों द्वारा काफी महंगी पुस्तकों का निजी एकाधिकार के तहत पुस्तक विक्रेताओं द्वारा पुस्तक का विक्रय किया जाता है इस विषय पर की गई चर्चा में उनका कहना है कि उनके स्कूल में सभी पुस्तकें एनसीआरटी एवं मध्य प्रदेश बोर्ड द्वारा प्रकाशित पुस्तके ही चलाई जाती हैं केवल 2 पुस्तकें जो कि बोर्ड द्वारा प्रकाशित नहीं होती वे पुस्तकें अन्य सस्ते प्रकाशकों द्वारा प्रकाशित की जाती हैं जोकि ओपन मार्केट से कहीं से भी ली जा सकती हैं उसके लिए उनके द्वारा किसी पुस्तक विक्रेता को अधिकृत नहीं किया गया स्कूल प्रशासन विद्यार्थियों के स्वास्थ्य को लेकर के काफी जागरूक है उन्होंने बताया कि वर्तमान में अधिकांश बीमारियां  दूषित जल   के कारण होती है इस हेतु स्कूल में 3 Ro एवं 3 वॉटर कुलर की व्यवस्था की गई है  एवं स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रत्येक वर्ष  निशुल्क स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाता है शिक्षा व्यवस्था पर की गई चर्चा में उन्होंने बताया कि वह वर्ष 2008 से वर्तमान समय तक प्राचार्य पद पर कार्य कर रहे हैं उनके विद्यालय में वर्तमान में 36 शिक्षक कार्यरत हैं जो कि नरसिंहपुर करेली एवं आसपास के क्षेत्र से हैं एवं सभी शिक्षक शिक्षण कार्य में निपुण हैं आधुनिक शिक्षा पर की गई चर्चा में उन्होंने बताया कि उन्हें स्वयं   MA  इंग्लिश एवं एमबीए किया हुआ है वह यह बात भली-भांति जानते हैं कि विद्यार्थियों को समय समय पर पर्सनालिटी डेवलपमेंट एवं लोक व्यवहार की अतिरिक्त शिक्षा दी जाना चाहिए इसलिए वे स्वयं एवं समय-समय पर विषय विशेषज्ञों द्वारा सेमिनार एवं विशेष क्लास का प्रबंध अपने विद्यार्थियों के लिए करते हैं जिससे भविष्य में विद्यार्थी समाज में अपना बेहतर योगदान दे सकें आधुनिक शिक्षा को लेकर उन्होंने बताया कि वर्तमान में उनके स्कूल में 20 कंप्यूटर एवं इंटरनेट से सुसज्जित कंप्यूटर लैब एवं 6 स्मार्ट क्लासेस उपलब्ध हैं जिनमें विद्यार्थियों को आधुनिक शिक्षा उपलब्ध करवाई जाती है  उन्होंने बताया कि करोना काल में सभी शैक्षणिक संस्थानों की तरह उन्हें भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा लेकिन उसके बावजूद स्कूल प्रशासन द्वारा सभी शिक्षकों को पूर्ण वेतन दिया गया 
स्कूल प्रबंधन द्वारा पर्यावरण को लेकर बहुत ही शानदार प्रयास किए गए हैं वर्तमान में स्कूल में वाटर हार्वेस्टिंग व्यवस्था द्वारा पानी के लेवल को बढ़ाया गया है बताया गया कि उन्होंने छत को दो भागों में बंटवारा हुआ है इसमें वाटर संचय का कार्य किया जाता है एवं इस व्यवस्था से विद्यालय एवं विद्यालय के आसपास के क्षेत्र में जल का स्तर हमेशा ऊपर पाया जाता है श्री छाबड़ा जी ने प्रशासन एवं नगरपालिका से अनुरोध किया कि यदि सभी स्कूलों एवं सरकारी कार्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था की जाएगी तो निश्चित ही भविष्य में होने वाले विकराल जल समस्या से बचा जा सकता है उनके द्वारा पर्यावरण के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वाह बड़ी कुशलता से किया जा रहा है एवं वर्तमान में 55 से 60 पेड़ स्कूल प्रांगण में है एवं सभी विद्यार्थियों को पर्यावरण के प्रति अपने दायित्व को समझाया जाता है एवं सभी विद्यार्थियों में पर्यावरण प्रेम की भावना को बढ़ाने हेतु समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाया जाते हैं छाबड़ा जी ने बताया कि अगर सभी नगरवासी चाहे तो करेली नगर को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जा सकता है भारत की संस्कृति पर बढ़ रहे विलायती कल्चर को लेकर की गई चर्चा में उन्होंने बताया कि वह शिक्षा के साथ-साथ इस बात पर भी काफी प्रयास करते हैं कि विद्यार्थियों को संस्कारवान भी बनाया जाए लेकिन शैक्षणिक सत्र में समय अभाव के कारण इस विषय पर पर्याप्त समय नहीं दिया जा पता इस हेतु उन्होंने सभी अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे अपने बच्चों को संस्कारवान बनाने पर पर्याप्त ध्यान दें क्योंकि यदि प्रत्येक अभिभावक अपने बच्चों को संस्कारवान बनाएंगे तो आज के विद्यार्थी कल के जिम्मेदार नागरिक बन पाएंगे उन्होंने बताया कि वह वर्ष में 3 बार पालक शिक्षक मीटिंग रखते हैं जिसमें सभी  पलकों से विद्यार्थी के शैक्षणिक क्रियाकलापों के अलावा संस्कार एवं सामाजिक मुद्दों पर भी चर्चा की जाती है एवं उन्हें प्रेरित किया जाता है कि वह विद्यार्थियों को घर में संस्कारवान बनाने पर प्रयास करें जिससे बच्चों में पर्यावरण सुरक्षा स्वच्छता बिजली एवं पानी की बचत बड़ों के आदर सम्मान एवं अन्य मौलिक गुणों का विकास हो एवं किसी भी प्रकार की सहायता के लिए शिक्षक हमेशा तत्पर रहते हैं इस हेतु उन्होंने प्रत्येक क्लास में समिति गठित करके रखी हुई है जो कि आपसी सामंजस्य से क्लास से निकलते समय बिजली की बचत एवं पानी की बचत पर विशेष ध्यान देते हैं , दोपहिया वाहनों से हो रही दुर्घटनाओं एवं युवाओं में परिवहन को लेकर देखी गई लापरवाही पर चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि उनके कैंपस में किसी भी विद्यार्थी को दो पहिया  या चार पहिया वाहन एवं मोबाइल  लाने की अनुमति नहीं है इस हेतु प्रत्येक वर्ष 29 व 30 जून को सभी अभिभावकों को व्हाट्सएप ग्रुप द्वारा जानकारी दे दी जाती है एवं नए एडमिशन होने पर अनुबंध करवाया जाता है कि किसी भी प्रकार के अनुशासनात्मक उल्लंघन को वारिता नहीं दी जाएगी इस हेतु पहले भी  करेली थाना इंचार्ज श्री उमेश जी तिवारी जी द्वारा स्कूल प्रांगण में विद्यार्थियों को सड़क परिवहन को लेकर जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया जा चुका है एवं वर्तमान सत्र में छात्र परिषद के गठन के समय वर्तमान टीआई श्री अखिलेश जी मिश्रा द्वारा भी विद्यार्थियों को सड़क परिवहन को लेकर जागरूक किया गया था इसमें श्री मिश्रा जी द्वारा विद्यार्थियों को बताया गया कि यदि किसी नाबालिग द्वारा कोई सड़क दुर्घटना हो जाती है तो  उनके अभिभावकों पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है एवं यदि किसी टैक्सपेयर व्यक्ति के साथ दुर्घटना घट जाती है तो उस पर उन्हें काफी बड़ा क्लेम भी देना पड़ सकता है 
छाबड़ा जी ने  बताया की छात्र परिषद अध्यक्ष आरती घोसी ,  अंशिका चौहान, कृष्णा रावत एवं परिषद के अन्य सदस्यों द्वारा भी इस बात का ध्यान रखा जाता है कि विद्यालय में जल एवं बिजली संसाधनों का दुरुपयोग ना हो जिससे भविष्य में होने वाले जल संकट एवं बिजली संकट से बहुत हद तक बचा जा सके सभी प्रकार की चर्चा में यह निष्कर्ष निकला की वर्तमान परिवेश को देखते हुए न्यूनतम खर्चों में संस्कारों के साथ बेहतर शिक्षा भी दी जा सकती है

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