Tuesday, August 9, 2022

महिमा जाटव को भावभीनी श्रद्धांजलि



करेली | गत दिवस जबलपुर के एक निजी अस्पताल में हुई अग्नि दुर्घटना में मरीजों की जान बचाते हुए करेली नगर की बेटी महिमा जाटव ने अपनी जान की कुर्बानी दी इस दुखद घड़ी में सभी नगर वासी एवं महिमा के परिवार वाले काफी दुखी हैं ,इस आसमय होने वाली दुर्घटना से सारा परिवार अंदर से टूट चुका है महिमा की पारिवारिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं थी फिर भी विकट परिस्थितियों में महिमा ने अपनी पढ़ाई की महिमा के पिताजी श्री श्यामलाल जाटव  साइकिल की  दुकान में विगत 25 वर्षों से मिस्त्री का काम कर रहे हैं श्याम लाल जाटव एक नेक ईमानदार पढ़े लिखे व्यक्ति हैं जिन्होंने ग्रेजुएशन तक अपनी पढ़ाई की व अपनी दोनों बेटियों और 1 बेटे को बेहतर शिक्षा की व्यवस्था की महिमा जाटव ने स्वयं प्रेमवती कॉलेज से जबलपुर से बीएससी नर्सिंग की ट्रेनिंग की हुई थी ट्रेनिंग के उपरांत प्रैक्टिकल ट्रेनिंग हेतु सेल्वी हॉस्पिटल में कुछ समय उन्होंने ट्रेनिंग की महिमा  के पिताजी ने बताया कि महिमा ने 23 साल की उम्र में काफी सपने देखे हुए थे महिमा द्वारा अपने छोटे भाई को भी पढ़ाई में काफी मदद मिलती थी महिमा जाटव  की बड़ी बहन पूजा जाटव भी सिविल इंजीनियर की पढ़ाई कर चुकी है एवं भाई भी ग्रेजुएशन कर चुका है महिमा का सपना था की वह मेडिकल कॉलेज में टीचर बनकर बच्चों को शिक्षित करना चाहती थी वह चाहती थी की अपने शहर में एक मेडिकल कॉलेज बनाया जाए जिससे शहर के बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके हमारे संवाददाताओं ने महिमा की स्कूल  के दोस्त लखन से जब बात की तो उन्होंने बताया की महिमा छठी से बारहवीं तक नवोदय स्कूल मैं उसके साथ पढ़ाई की है एवं वह शुरू से अभी तक स्कूल में टॉपर रही है महिमा के छोटे मामा नरेश कुमार ने बताया की महिमा काफी महत्वकांक्षी लड़की थी एवं उसे अगर समय मिलता तो वह नगर वा देश  के लिए बहुत कुछ सपने लिए बैठी थी हमारे संवाददाता ने महिमा के मौसी के लड़के मधुसूदन चंदोलिया एवं लड़की सुलेखा चंदोलिया  से भी बातचीत की उन्होंने बताया की इस पूरे प्रकरण का कारण केवल और केवल हॉस्पिटल की लापरवाही है एवं उनके पैसे कमाने की लालच है जिस कारण की बहन का यह हाल हुआ, साथ ही साथ न जाने कितने घरों को दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है उनका कहना है कि सरकार द्वारा केवल खानापूर्ति न की जाए बल्कि उसका कड़ाई से पालन किया जाए जिससे भविष्य में इस प्रकार की होने वाली दुर्घटना से बचा जा सके महिमा के घर में उनके चाचा चाची के साथ वैशाली का रो - रो कर बुरा हाल है वैशाली का महिमा के प्रति काफी गहरा लगाव था और छोटी होने की तरह उसका स्नेह हमेशा उसको प्राप्त होता था भाई अभिषेक जाटव का कहना है की इस रक्षा बंधन पर उसको वा उसकी पूरी फैमली को जीवन भर का दुख वा संताप मिला है जिसे वो कभी नही  भूल पाएंगे

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